शब्द का अर्थ
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					सदर					 :
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					वि० [सं० अव्य० स०] भययुक्त। डरा हुआ। क्रि० प्र०—डरते हुए।				 | 
			
			
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					सदर					 :
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					वि० [अ० सद्र] प्रधान। मुख्य। जैसा—सदर अमीन, सदर दरवाजा, सदर बाजार। पुं० १. छाती। सीना। २. सबसे ऊपर का भाग या स्थान। ३. उच्च पदस्थ लोगों के बैठने या रहने का स्थान। ४. सभा का सभापति। ५. किसी संस्था या राज्य का प्रधान शासक। जैसा—सदरे रियासत। अव्य० ऊपर।				 | 
			
			
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					सदर-आला					 :
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					पुं० [अ०] दीवानी अदालत का वह हाकिम जो जज के नीचे हो। छोटा जज।				 | 
			
			
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					सदर-नशीन					 :
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					पुं० [अ+फा०] [भाव० सदरनशीनी] मजलिस या सभा का सभापति।				 | 
			
			
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					सदर-बाजार					 :
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					पुं० [अ+फा०] १. नगर का बड़ा या खास बाजार। २. छावनी के पास का बाजार।				 | 
			
			
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					सदरी					 :
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					स्त्री० [अ० सद्र=छाती] बिना आस्तीन की एक प्रकार की कुरती या बंडी जो और कपड़ों के ऊपर पहनी जाती है। सीनाबंद। वि० स्त्री० सदर का स्त्री स्थानिक रूप। जैसा—सदरी दरवाजा। (पूरब)(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					सदर्थ					 :
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					पुं० [सं० कर्म० स०] १. असल या मुख्य बात अथवा विषय। २. धनवान् व्यक्ति।				 | 
			
			
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					सदर्थना					 :
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					स० [सं० सदर्थ] समर्थन या पुष्टि करना।				 | 
			
			
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