शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					संश्राव					 :
				 | 
				
					पुं० [सम्√श्रु (सुनना)+घञ] [वि० संश्रावणीय, भू० कृ० संश्रावित]=संश्रवण।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					संश्रावक					 :
				 | 
				
					वि० [सम्√श्रु (सुनना)+ण्वुल्-अक] १. सुनने वाला। श्रोता। २. सुनकर मान लेने वाला। पुं० चेला। शिष्य।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					संश्रावित					 :
				 | 
				
					भू० कृ० [सम्√श्रु (सुनना)+णिच्-क्त] १. सुनाया हुआ। २. जोर से पढ़कर सुनाया हुआ।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					संश्राव्य					 :
				 | 
				
					वि० [सम्√श्रु (सुनना)+ण्यत] १. जो सुना जा सके। २. जो सुनाया जा सके।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |