शब्द का अर्थ
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					शीर्ण					 :
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					भू० कृ० [सं०√शृ (टुकड़े होना)+क्त] [भाव० शीर्णता] १. खंड-खंड। टुकडे़-टुकड़े। २. गिरा हुआ। च्युत। ३. टूटा या फटा हुआ और फलतः बहुत पुराना। ४. कुम्हलाया या मुरझाया हुआ। ५. दुबला-पतला। कृश। पुं० थुनेर नामक गन्ध द्रव्य।				 | 
			
			
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					शीर्णता					 :
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					स्त्री० [शीर्ण+तल्-टाप्] शीर्ण होने की अवस्था या भाव।				 | 
			
			
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					शीर्णत्व					 :
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					पुं० [शीण+त्व]=शीर्णता।				 | 
			
			
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					शीर्णपत्र					 :
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					पुं० [सं० ब० स०] १. कर्णिकार। कनियारी। २. पठानी लोध। ३. नीम।				 | 
			
			
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					शीर्णपर्द					 :
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					पुं० [सं० ब० स०] निंब। नीम।				 | 
			
			
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					शीर्णपाद					 :
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					पुं० [सं० ब० स०] यमराज।				 | 
			
			
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					शीर्णपुष्पी					 :
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					स्त्री० [सं० शीर्णपुष्प—ङीप्] सौंफ।				 | 
			
			
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