शब्द का अर्थ
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					व्याहत					 :
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					वि० [सं० वि+आ√हन् (मारना)+क्त] १. मना किया हुआ। निवारित। निषिद्ध। २. निरर्थक। व्यर्थ। पुं० साहित्य में एक प्रकार का अर्थदोष जो उस दशा में माना जाता है जब पहले कोई बात कहकर उसी के साथ तुरन्त कोई ऐसी दूसरी असंगत या विरोधी बात कही जाय जो ठीक न बैठती हो। यथा—चंद्रमुखी के बदन-सम दिनकर कह्यो न जाइ।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					व्याहति					 :
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					स्त्री० [सं० वि+आ√हन् (मारना)+क्तिन्] बाधा। विघ्न।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |