शब्द का अर्थ
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वृश्चिक :
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पुं० [सं०√व्रश्च (काटना)+किकन्, व्र-वृ] १. मकड़ी की तरह का पर उससे बड़ा एक तरह का जंतु जिसका डंक बहुत अधिक जहरीला होता है। २. ज्योतिष में बारह राशियों में से आठवी राशि जिसके तारे बिच्छू का सा आकार बनाते हैं (स्कार्पिओ) ३. अगहन मास जिसमें प्रायः सूर्योदय के समय वृश्चिक राशि का उदय होता है। ४. वृश्चिककाली या बिच्छू नाम की लता। ५. गोबर में उत्पन्न होनेवाला क्रीड़ा। शूक कीट। ६. मदन वृक्ष। मैनफल। ७. गदह-पूरना। पुनर्नवा। |
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समानार्थी शब्द-
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वृश्चिकर्णी :
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स्त्री० [सं० ब० स० ङीष्] मूसाकानी। |
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वृश्चिका :
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स्त्री० [सं०] १. बिछुआ या बिच्छू नाम की घास। २. सफेद गदहपूरना। ३. पिठवन। |
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वृश्चिकाली :
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स्त्री० [सं० ब० स०] बिच्छू नाम की लता। जिसकी जड़ का प्रयोग ओषधि के रूप में होता है। |
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वृश्चिकेश :
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पुं० [सं० ष० त०] वृश्चिक राशि के अधिष्ठाता देवता, बुध (ग्रह)। |
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