शब्द का अर्थ
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					विसर्जन					 :
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					पुं० [सं० वि√सृज् (त्याग करना)+ल्युट-अन] [भू० कृ० विसर्जित] १. परित्याग करना। छोड़ना। २. किसी को कुछ करने का आदेश देकर कहीं भेजना। ३. कहीं से प्रस्थान करना। विदा होना। ४. अन्त। समाप्ति। ५. दान। ६. देव-पूजन के सोलह उपचारों में से अंतिम उपचार जिसमें आहूत देवता के प्रति यह निवेदन होता है कि अब पूजन हो चुका, आप कृपया प्रस्थान करें। ७. उक्त के आधार पर पूजन आदि के उपरान्त प्रतिमा या विग्रह का किसी जलाशय में किया जानेवाला प्रवाह। भसान। जैसे—दुर्गा या सरस्वती की मूर्ति का गंगा में होनेवाला विसर्जन। ८. कार्य की समाप्ति पर उसके सदस्यों आदि का कार्य-स्थल से होनेवाला प्रस्थान।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					विसर्जनी					 :
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					स्त्री० [सं० विसर्जन+ङीष्] गुदा के मुँह पर चमड़े का एक भाग।				 | 
			
			
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					विसर्जनीय					 :
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					वि० [सं० वि√सॉज्+अनीयर्] जिसका विसर्जन हुआ हो सके या किया जाने को हो।				 | 
			
			
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