शब्द का अर्थ
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विपर्ण :
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वि० [सं०] जिसमें पर्ण या पत्ते न हों। पुं० एक साथ या आमने-सामने लगी हुई रसीदों आदि का वह बाहरी भाग जो लिख या भरकर किसी को दिया जाता है (आउटर फॉयल)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
विपर्णक :
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वि० [सं० ब० स०] जिसमें पत्तें न हों। पुं० टेसू। पलास। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |