शब्द का अर्थ
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विद्वेष :
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पुं० [सं० वि√द्विष्+घञ्] १. विशेष रूप से किया जानेवाला द्वेष। २. मनोमालिन्य के कारण मन में रहनेवाला वह द्वेष या वैर जिसके फलस्वरूप किसी को नीचा दिखाने या हानि पहुँचाने का प्रयत्न किया जाता है (स्पाइट) ३. दुश्मनी। शत्रुता। |
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समानार्थी शब्द-
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विद्वेषक :
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वि० [सं० वि√द्विष्+ण्वुल-अक]=विद्वेषी। |
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विद्वेषण :
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पुं० [सं० वि√द्विष् (द्वेष करना)+णिच्+ल्युट-अन] १. विद्वेष करने की क्रिया या भाव। २. दो व्यक्तियों में विद्वेष उत्पन्न करना। वि० विद्वेषी। |
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विद्वेषिता :
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स्त्री० [सं० विद्वेषि+तल्+टाप्]=विद्वेष। |
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विद्वेषी (षिन्) :
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वि० [सं० वि√द्विष्+णिनि] मन में किसी के प्रति विद्वेष रखनेवाला। विद्वेष करनेवाला। पुं० दुश्मन। शत्रु। |
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विद्वेष्य :
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वि० [सं० विद्वेष+यत्] जिसके प्रति मन में विद्वेष रखा जाय या रखना उचित हो। |
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