शब्द का अर्थ
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					विगाथा					 :
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					स्त्री० [सं० वि√गाथ् (कहना)+अक+टाप्] आर्या छन्द का एक भेद जिसके विषम पदों में १२-१२ दूसरे में १५ और चौथे में १८ मात्राएँ होती हैं,और अन्त में वर्ण गुरु होता है। विषम गणों में जगण नहीं होता,पहले दल का छठा गण (२७ ही मात्रा के कारण) एक लघु का मान लिया जाता है। इसे ‘विग्गाहा’ और ‘उदगीति’ भी कहते हैं।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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