शब्द का अर्थ
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					विंध्य					 :
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					पुं० [सं० विंध+यत्] एक प्रसिद्ध पर्वत-श्रेणी जो भारतवर्ष के मध्य में पूर्व से पश्चिम तक फैला हुआ है, यह आर्यावर्त की दक्षिणी सीमा पर है, और दक्षिण भारत को उत्तर भारत में विभक्त करता है।				 | 
			
			
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					विंध्य-कूट (क)					 :
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					पुं० [कर्म० स० ब० स०] १. विंध्य पर्वत। २. अगस्त्य मुनि का एक नाम।				 | 
			
			
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					विंध्य-गिरि					 :
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					पुं० [मध्यम० स०] विंध्य पर्वत।				 | 
			
			
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					विंध्य-चूलि					 :
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					पुं० [ब० स०] विंध्य पर्वत के दक्षिण का प्रदेश।				 | 
			
			
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					विंध्यवासिनी					 :
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					स्त्री० [सं०] मिरजापुर जिले के अन्तर्गत स्थित दुर्गा की एक मूर्ति।				 | 
			
			
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					विंध्या					 :
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					स्त्री० [सं० विंध्य+टाप्] एक प्राचीन नदी। पुं०=विंध्य।				 | 
			
			
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					विंध्याचल					 :
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					पुं० [सं० मध्यम० स०] १. विंध्य पर्वत। २. उक्त पर्वत का वह विशिष्ट अंग जो मिरजापुर के पास है और जहाँ विंध्यवासिनी देवी का मंदिर है। ३. वह नगरी जिसमें उक्त मंदिर स्थित है।				 | 
			
			
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