शब्द का अर्थ
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					वात्स					 :
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					पुं० [सं० वत्स+अण्] [स्त्री० वात्सी] १. एक गोत्रकार ऋषि का नाम। २. ब्राह्मण द्वारा शूद्रा के गर्भ से उत्पन्न व्यक्ति।				 | 
			
			
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					वात्सरिक					 :
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					पुं० [सं० वत्सर+ठक्–इक] ज्योतिषी। वि०१. वत्सर या वर्ष संबंधी। जैसे– वात्सरिक श्राद्ध। २. प्रतिवर्ष होनेवाला। वार्षिक।				 | 
			
			
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					वात्सल्य					 :
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					पुं० [सं०] १. प्रेम। २. विशेषतः माता-पिता के ह्रदय में होनेवाला अपने बच्चों के प्रति नैसर्गिक प्रेम।				 | 
			
			
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					वात्सल्य भाजन					 :
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					पुं० [सं०] वह जिसके प्रति वत्स का सा प्रेम हो। वत्स के समान प्रिय।				 | 
			
			
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					वात्स्य					 :
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					पुं० [सं० वत्स+यञ्] १. एक प्राचीन ऋषि। २. एक गोत्र जिसमें ओर्व, च्यवन, भार्गव, जामदग्न्य और आप्नुवान नामक पाँच प्रवर होते हैं।				 | 
			
			
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					वात्स्यायन					 :
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					पुं० [सं० वात्स्य+फक्-आयन] १. कामसूत्र के रचियता एक प्रसिद्ध ऋषि। २. न्याय शास्त्र के भाष्यकार एक प्रसिद्ध पंडित।				 | 
			
			
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