शब्द का अर्थ
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					रोल					 :
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					पुं० [हिं० रोलना] रोलने की क्रिया या भाव। पुं० [देश] कसेरों का एक उपकरण। पुं० =रोर। पुं० =रेला। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					रोलना					 :
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					स० [?] १. किसी चीज में उँगलियाँ डालकर उसे हिलाना डुलाना। जैसे—मोती रोलना। २. किसी चीज को छेड़ना, हिलाना-डुलाना या घुमाना-फिराना। उदाहरण—घोड़ा और फोड़ा जितना ही रोलो उतना ही बढ़े (कहा०) ३. बहुत अधिक मात्रा में कोई चीज पाकर मनमाने ढंग से उसे इधर-उधर करना या छितराना। ४. उबटन, लेप आदि अंगों में लगाना।				 | 
			
			
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					रोलंब					 :
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					पुं० [सं०√रु (शब्द)+विच्, रो√लम्ब्+अच्] १. भ्रमर। भौंरा। भँवर। २. सूखी जमीन। वि० सहसा किसी का विश्वास न करनेवाला।				 | 
			
			
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					रोलर					 :
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					पुं० [अ०] १. ढुलकनेवाली वस्तु। २. बेलन। बेलना। ३. छापे की कल में वह बेलन जिससे अलरों पर स्याही लगती है। ४. कंकड़, आदि दबाकर सड़क चौरस करनेवाला बेलन जो यों ही खींचा या इंजन के आगे लगाकर चलाया जाता है।				 | 
			
			
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					रोला					 :
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					पुं० [सं०] १. एक प्रकार का छंद जिसके चारों चरणों में ११+१३ के विश्राम से २४-२४ मात्राएँ होती है। पुं० =रोर (पश्चिम)। पुं० [हिं० रोलना] जूठे बरतन माँजने का काम और मजदूरी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					रोली					 :
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					स्त्री० [सं० रोचनी] एक प्रकार का चूर्ण जो हल्दी और चूने के योग से बनता है और पवित्र माना जाता है।				 | 
			
			
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