शब्द का अर्थ
			 | 
		 
					
				| 
					रूपावचर					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०] १. एक प्रकार का देवता (बौद्ध) २. चिन्ता की वह अवस्था जिसमें उसे रूप-जगत् अर्थात् दृश्य पदार्थों का ज्ञान होता है। ३. इस प्रकार प्राप्त होनेवाला ज्ञान। ४. योग में ध्यान की एक भूमि जिसके प्रथम आदि चार भेद कहे गये हैं।				 | 
			 
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
		 |