शब्द का अर्थ
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					रुचिर					 :
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					वि० [सं०√रुच्+किरच्] १. जो रुचि के अनुकूल हो। अच्छा। भला। २. मनोहर। सुन्दर। ३. मधुर। मीठा। पुं० १. केसर। २. लौंग। ३. मूली।				 | 
			
			
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					रुचिरता					 :
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					स्त्री० [सं० रुचिर+तल्+टाप्] रुचिर होने की अवस्था धर्म या भाव।				 | 
			
			
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					रुचिरा					 :
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					स्त्री० [सं० रुचि+टाप्] १. सुप्रिया नामक छंद का एक नाम। २. एक प्रकार का वृत्त जिसके प्रत्येक चरण में ज, भ, स, ज, ग, (।ऽ। ऽ।। ।।ऽ।ऽ। ऽ) होते हैं। ३. रामायण के अनुसार एक प्राचीन नदी। ४. केसर। ५. लौंग। ६. मूली।				 | 
			
			
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					रुचिराई					 :
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					स्त्री०=रचिरता।				 | 
			
			
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					रुचिरांजन					 :
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					पुं० [सं० रुचिर-अंजन, कर्म० स०] शोभांजन। सहिजन।				 | 
			
			
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