शब्द का अर्थ
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					रत्नावली					 :
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					स्त्री० [रत्न-आवली, ष० त०] १. मणियों या रत्नों की अवली या श्रेणी। २. रत्नों की माला। ३. साहित्य में एक अर्थालंकार जिसमें कोई बात ऐसे कलिष्ट शब्दों में कही जाती है कि उनसे प्रस्तुत अर्थों के सिवा कुछ और अर्थ भी निकलते हैं। जैसे—‘आप चतुरास्य लक्ष्मीपति और सर्वज्ञ है’ का साधारण अर्थ के सिवा यह भी अर्थ निकलता है कि आप ब्रह्मा, विष्णु और महेश हैं।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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