शब्द का अर्थ
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					यौ					 :
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					अव्य० दे० ‘यों’।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					यौ					 :
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					सर्व०=यह।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					यौक्तिक					 :
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					वि० [सं० युक्ति+टक्,—इक] १. युक्ति के रूप में होनेवाला। युक्तिसंगत। युक्तियुक्त। ठीक। २. जो क्रीड़ा, विनोद आदि में साथ रहता हो। नर्मसखा। ३. क्रीड़ा। विनोद।				 | 
			
			
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					यौग					 :
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					पुं० [सं० योग+अण्] योग-दर्शन का अनुयायी। वि० योग-संबंधी। योग का।				 | 
			
			
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					यौगक					 :
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					वि० [सं० योग+कन्] योग-संबंधी। योग का।				 | 
			
			
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					यौगंधर					 :
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					पुं० [सं० युगंधर+घञ्] अस्त्रों को विषाक्त करने का एक प्रकार का अस्त्र।				 | 
			
			
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					यौगंधरायण					 :
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					पुं० [सं० युगन्धर+फक्-आयन] १. वह जो युगंधर के गोत्र से उत्पन्न हुआ हो। २. उद्यन का एक मन्त्री।				 | 
			
			
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					यौगिक					 :
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					वि० [सं० योग+ठञ्-इक] १. योग अर्थात् जोड़ से संबंध रखनेवाला। २. योग अथवा जोड़ के रुप में अथवा योग के फलस्वरूप होनेवाला। जैसे—यौगिक पद। पुं० १. व्याकरण में प्रकृति और प्रत्यय से बना हुआ शब्द। २. दो शब्दों के योग या मेल से बना हुआ पद। ३. छन्दशास्त्र में, अट्ठाइस मात्राओं वाले छंदों की संज्ञा।				 | 
			
			
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					यौजनिक					 :
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					वि० [सं० योजन+ठञ्-इक] १. योजन सम्बन्धी। योजन का। २. एक योजन तक जानेवाला।				 | 
			
			
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					यौतक					 :
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					पुं० [सं० युतक+अण्] यौतुक। दहेज।				 | 
			
			
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					यौतुक					 :
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					पुं० [सं० यौतु+कण्] १. विवाह के समय मिला हुआ धन। दहेज। २. चढ़ावा। ३. उपहार।				 | 
			
			
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					यौथिक					 :
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					वि० [सं० यूथ+ठक्—इक] १. यूथ संबंधी। समूह का। २. यूथ या झुंड में रहनेवाला (जीव या प्राणी)।				 | 
			
			
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					यौथिकी					 :
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					स्त्री० [सं० यूथ से] वैष्णव भक्तों के अनुसार ऐसी गोपियों का वर्ग जो किसी समय ऋषि-मुनियों के रूप में रहकर तपस्या कर चुकी थीं, और उसके फलस्वरूप अब श्रीकृष्ण के नित्य साथ रहकर लीला करती हैं।				 | 
			
			
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					यौद्धिक					 :
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					वि० [सं० युद्ध+ठक्-इक] युद्ध-संबंधी।				 | 
			
			
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					यौधेय					 :
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					पुं० [सं० योध+ढञ्-एय] १. योद्धा। २. युधिष्ठिर के एक पुत्र का नाम। ३. प्राचीन भारत की एक योद्धा जाति जो आधुनिक हरियाने के आस-पास रहती थी और जिसका उल्लेख पाणिनी तक ने किया है। ४. उक्त जाति के रहने का प्रदेश जो आज-कल के हरियाने के आस पास था।				 | 
			
			
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					यौन					 :
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					वि० [सं० योनि+अण्] [भाव० यौनता] १. योनि-संबंधी। २. पुरुष और स्त्रियों की जननेंद्रियों से संबंध रखनेवाला। जैसे—योन विज्ञान, यौन संसर्ग आदि। ३. जिसमें योनि या स्त्रीलिंग और पुलिंग का भेद हो। जैसे—यौन वनस्पतियाँ या पेड़-पौधे। पुं० उत्तरापथ की एक प्राचीन जाति जिसका उल्लेख महाभारत में है।				 | 
			
			
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					यौन-विकृति					 :
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					स्त्री० [सं० कर्म० स०] आधुनिक मनोविज्ञान में काम-वासना की तृप्ति के लिए उत्पन्न होनेवाली वह विकृत स्थिति जो स्वाभाविक संभोग से भिन्न और उसके विपरीत हो। जैसे—आत्मरति, समलिंगी, रति, अन्य जातियों या वर्गों के जीव-जन्तुओं के साथ की जानेवाली रति।				 | 
			
			
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					यौन-विज्ञान					 :
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					पुं० [सं० कर्म० स०]=यौनिकी।				 | 
			
			
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					यौनकी					 :
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					स्त्री० [सं० यौन से] आधुनिक विज्ञान की वह शाखा या शास्त्र जिसमें इस बात का विवेचन होता है कि स्त्रियों और पुरुषों की जननेंद्रियों की कैसी बनावट होती है, उनमें किस प्रकार यौन-सम्बन्ध तथा गर्भाधान होता है आदि आदि। (सेक्सालाजी)				 | 
			
			
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					यौनता					 :
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					स्त्री० [सं० यौन+तल्—टाप्] १. यौन होने की अवस्था या भाव। यौनभाव। २. स्त्री और पुरुष या नर और मादा के स्वतन्त्र अस्तित्व की धारणा या भाव। लिंगिता। (सेक्सुएलिटी)				 | 
			
			
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					यौवत					 :
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					पुं० [सं० युवती+अण्, पुंवदभाव] १. युवती स्त्रियों का समूह। २. लास्य नृत्य का एक भेद जिसमें स्त्रियाँ सामूहिक रूप से नाचती हैं।				 | 
			
			
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					यौवतेय					 :
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					पुं० [सं० युवती+ढक्-एय] युवती स्त्री का पुत्र या सन्तान।				 | 
			
			
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					यौवन					 :
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					पुं० [सं० युवन+अण्] १. युवा या युवती होने की अवस्था या भाव। २. अवस्था वह मध्य भाग जो बाल्यावस्था के उपरांत आरम्भ होता है, और जिसकी समाप्ति पर वृद्धावस्था आती है। जवानी। ३. किसी तत्त्व या वस्तु की वह अवस्था जिसमें वह अपने पूरे ओज, जोर या बाढ़ पर हो। बीच का सर्वोत्तम समय। ४. युवतियों का दल या समूह। ५. दे० ‘जोबन’।				 | 
			
			
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					यौवन-कंटक					 :
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					पुं० [सं० स० त०] मुँहासा जो पुरुषों और स्त्रियों के चेहरे पर युवावस्था में होता है।				 | 
			
			
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					यौवन-पिड़का					 :
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					पुं० [सं० स० त०] मुँहासा।				 | 
			
			
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					यौवन-लक्षण					 :
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					पुं० [सं० ष० त०] १. स्त्रियों का स्तन जो उनके यौवन का लक्षण है। २. चेहरे पर की चमक। लावण्य।				 | 
			
			
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					यौवनाधिरूढ़ा					 :
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					वि० [सं० यौवन-अधिरूढ़ा, स० त०] युवती। जवान (स्त्री)।				 | 
			
			
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					यौवनाश्व					 :
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					पुं० [सं० युवनाश्व+अण्] राजा मांधाता का एक नाम।				 | 
			
			
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					यौवनिक					 :
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					वि० [सं० यौवन+ठक्-इक] यौवन संबंधी। यौवन का।				 | 
			
			
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					यौवराजिक					 :
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					वि० [सं० युवराज+ठञ्-इक] युवराज सम्बन्धी। युवराज का।				 | 
			
			
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					यौवराज्य					 :
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					पुं० [सं० युवराज+ष्यञ्] १. युवराज होने की अवस्था या भाव। २. युवराज का पद।				 | 
			
			
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					यौवराज्याभिषेक					 :
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					पुं० [सं० यौवराज्य-अभिषेक, स० त०] प्राचीन भारत में वह अभिषेक और उसके संबंध का कृत्य तथा उत्सव जो किसी को युवराज के पद पर प्रतिष्ठित करने के समय होता था। युवराज के अभिषेक कृत्य।				 | 
			
			
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