शब्द का अर्थ
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भरम :
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पुं० [सं० भ्रम] १. भ्रांति। संशय। संदेह। २. भेद। रहस्य। ३. अपने महत्त्व, साख आदि का रहस्य या विश्वसनीयता। क्रि० प्र०—खोना।—गँवाना। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
भरमना :
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अ० [सं० भ्रमण] १. चलना-फिरना। घूमना या टहलना। २. इधर-उधर मारे-मारे फिरना। ३. धोखे में पड़कर इधर-उधर होना। भटकना। स्त्री० [सं० भ्रम] १. भूल। गलती। २. धोखा। भ्रांति। ३. मन में होनेवाला अनिश्चय। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
भरमाना :
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स० [हिं० भरमना का स० रूप०] १. ऐसा काम करना अथवा ऐसी स्थिति उत्पन्न करना जिससे किसी को भ्रम हो जाय। भ्रम में डालना। २. व्यर्थ इधर-उधर घूमना। भटकना। ३. आसक्त या मोहित करना। बिलमाना। अ० अचंभे में आना। चकित होना। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
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भरमौहाँ :
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वि० [हिं० भरम+औहाँ (प्रत्यय)] भ्रम उत्पन्न करनेवाला। भरमानेवाला। वि० [हिं० भरमना (घूमना)+औहाँ (प्रत्यय)] १. घूमने या घुमानेवाला। २. चक्कर खाने या खिलानेवाला। |
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