शब्द का अर्थ
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					भँवर					 :
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					पुं० [सं० भ्रमर] १. भ्रमर (भौंरा)। २. नदी के मोड़ या तट पर तथा पानी का बहाव रुकने पर लहरों के चक्कर काटते हुए आगे बढ़ने की स्थिति। ३. गड्ढा। गर्त। ४. भौरें की तरह का या काले रंग का घोड़ा। भौंरा। मुस्की। उदाहरण—हांसुल भँवर कि आह बखानै। वि० काला।				 | 
			
			
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					भँवर-गीत					 :
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					पुं० =भ्रमर-गीत।				 | 
			
			
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					भँवर-जाल					 :
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					पुं० [हिं० भँवर+जाल] संसार और उसके झगड़ेबखेड़े। भ्रमजाल।				 | 
			
			
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					भँवर-भीख					 :
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					स्त्री०= [हिं० भँवर+भीख] चारों ओर घूम-घूमकर प्राप्त की हुई भिक्षा।				 | 
			
			
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					भँवरकली					 :
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					स्त्री० [हिं० भँवर+काली] लोहे या पीतल की वह कड़ी जो कील मे इस प्रकार ढीली जाती जड़ी रहती है कि चारों ओर सहज में घुमाई जा सकती है।				 | 
			
			
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					भँवरा					 :
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					पुं० =भौंरा।				 | 
			
			
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					भँवरी					 :
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					स्त्री० १. =भौंरी। २. =भाँवर। स्त्री०=भँवर (नदी का)। स्त्री० [हिं० भँवना] घूम-घूमकर सौदा बेचना। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					भँवरी					 :
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					स्त्री०=भौंरी।				 | 
			
			
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