शब्द का अर्थ
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					बहिरंग					 :
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					वि० [सं० बहिस्-अंग, ब० स०] १. बाहर का। बाहरी। ‘अंतरंग’ का विपर्याय। २. जो किसी क्षेत्र, दल, वर्ग आदि से अलग, बाहर या भिन्न हो। ३. अनावश्यक। फालतू। (क्व०) पुं० १. किसी प्रकार की रचना का बाहरी अंग जो ऊपर से दिखाई देता है। जैसे—इस पुस्तक का अन्तरंग और बहिरंग दोनों बहुत ही सुन्दर है। २. ऐसा व्यक्ति जो यों ही कहीं से आ गया या आ पहुँचा हो। ३. पूजन आदि के आरंभ में किये जानेवाले औपचारिक कृत्य।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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