शब्द का अर्थ
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					बरुआ					 :
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					पुं० [सं० बटुक, प्रा० बडुअ] १. जिसका यज्ञोपवीत तो हो गया हो पर जो अभी तक गृहस्थ न हुआ हो। ब्रह्मचारी। पटु। २. उपनयन या यज्ञोपवीत के समय गाये जानेवाले गीत। ३. उपनयन या यज्ञोपवीत नामक संस्कार। ४. ब्राह्मण का बालक। ५. पढ़ा-लिखा और पुरोहिताई करनेवाला ब्राह्मण। पुं० [हिं० बरना] मूँज के छिलके की बनी हुई बद्धी जिससे डलिया आदि बनायी जाती है।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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