शब्द का अर्थ
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					बढ़ई					 :
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					पुं० [सं० वर्द्धकि० प्रा० वडुइ] १. लकड़ी को छील तथा गढ़कर उसके उपयोगी उपकरण बनानेवाला कारीगर। २. उक्त कारीगरों की एक जाति या वर्ग। ३. रहस्य संप्रदाय में गुरु जो शिष्य रूपी कुन्दे को गढ़-छीलकर सुन्दर मूर्ति का रूप देता है।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					बढ़ई मधु-मक्खी					 :
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					स्त्री० [हिं०] एक प्रकार की मधु-मक्खी जिसका रंग काला और पंख नीले होते हैं। यह वृक्षों के काठ तक काट डालती है।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |