शब्द का अर्थ
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					बघार					 :
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					पुं० [हिं० बघारना] १. बघारने की क्रिया या भाव। २. वह मसाला जो बघारते समय घी में डाला जाय। तड़का। छौक। क्रि० प्र०—देना। ३. बघारने से निकलनेवाली सोंधी गंध। क्रि० प्र०—आना।—उठना।—निकलना। ४. पाण्डित्य प्रदर्शन के लिए किसी विषय की की जानेवाली थोथी चर्चा। ५. शराब पीने के समय बीच-बीच में तम्बाकू, बीड़ी आदि पीने की क्रिया (व्यंग्य)।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					बघारना					 :
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					स० [सं० व्याधारण] १. कलछी या चिम्मच में घी को आग पर तपाकर और उसमें हींग, जीरा आदि सुगंधित मसाले छोड़कर उसे तरकारी, दाल आदि की बटलोई में उसका मुँह ढाँककर छोड़ना जिससे वह सुगंधित हो जाय़। तड़का देना या लगाना। छौंकना। २. अपनी योग्यता, शक्ति का बिना उपयुक्त अवसर के ही आवश्यकता से अधिक या निरर्थक प्रदर्शन करना। जैसे—अँगरेजी या संस्कृत बघारना। ३. डींग या शेखी के संबंध में आतंक जमाने के लिए बढ़ा-चढ़ाकर चर्चा करना। जैसे—शेखी बघारना।				 | 
			
			
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