शब्द का अर्थ
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					बंदन					 :
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					पुं० [सं० बंदगी-गोरोचन] १. रोचन। रोली। २. ईंगुर सिंदूर। पुं०=वंदन।				 | 
			
			
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					बंदनवान					 :
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					पुं० [सं० बंधन] कारागार का प्रधान अधिकारी। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					बंदनवार					 :
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					पुं० [सं० वंदनमाला] आम, अशोक आदि की पत्तियों को किसी लम्बी रस्सी में जगह-जगह टाँकने पर बननेवाली श्रृखला जो शुभ अवसरों पर दरवाजों, दीवारों आदि पर लटकायी जाती है। तोरण।				 | 
			
			
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					बंदनसाल					 :
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					स्त्री० [सं० बंधन+शाला] कारागार। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					बंदना					 :
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					स० [सं० वंदन] १. वंदना या आराधना करना। २. नमस्कार या प्रणाम करना। स्त्री०=वंदना। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					बंदनी					 :
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					स्त्री० [सं० वंदनी=माथे पर बनाया हुआ चिन्ह] स्त्रियों का एक आभूषण जो सिर पर आगे की ओर पहना जाता है। इसे बंदी या सिरबंदी भी कहते हैं। वि०=वंदनीय। जैसे—जग-बंदनी।				 | 
			
			
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					बंदनीमाल					 :
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					स्त्री० [सं० बंदनमाला] वह लम्बी माला जो गले से पैरों तक लटकती हो। घुटनों तक लटकती हुई लम्बी माला।				 | 
			
			
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