शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					फुट					 :
				 | 
				
					वि० [सं० स्फुट] १. जिसका जोड़ा न हो। एकाकी। अकेला। २. जो किसी क्रम या श्रृंखला से अलग हो। पृथक्। जुदा। वि० [हिं० फूटना] टूटा हुआ। जैसे—फुटमत। पुं० [अं०] १. लम्बाई नापने का एक उपकरण जो १२ इंच लम्बा होता है। २. उक्त लम्बाई का मान।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					फुट-नोट					 :
				 | 
				
					पुं० [अं०] पाद-टिप्पणी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					फुट-बाल					 :
				 | 
				
					पुं० [अं०] १. हवा भरा हुआ रबड़ का वह बड़ा गेंद जिस पर चमड़े की खोली भी चढ़ी होती है तथा जिसे पैर की ठोकर से उछालकर खेला जाता है। २. गेंद से खेला जानेवाला खेल।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					फुट-मत					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० फूटना+सं० मत] १. ऐसी स्थिति जिसमें दो या अधिक पक्षों विशेषतः परिवार, संस्था आदि के विभिन्न सदस्यों में किसी बात के संबंध में कई परस्पर विरोधी मत होते हैं। मत-भेद। २. फूट (देखें)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					फुटक					 :
				 | 
				
					पुं०=फुटका। उदाहरण—पानी पर पराग परि ऐसी बीर फुटक भरी आरसि जैसी।—नंददास (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					फुटकर					 :
				 | 
				
					वि० [सं० स्फुट+हिं० कर (प्रत्यय)] १. जो युग्म न हो। जिसका जोड़ या जोडा़ न हो। अयुग्म। २. जो किसी विशिष्ट मद या वर्ग में हो और इसी कारण उन सबसे अलग रहकर अपना अलग वर्ग बनाता हो। भिन्न-भिन्न या अनेक प्रकार का। कई मेल का। जैसे—फुटकर कविता, फुटकर खर्च, फुटकर चीजों की दुकान। ३. (माल या सौदा) जो इकट्ठा या एक साथ नहीं, बल्कि अलग-अलग या खंडों में आता या रहता हो। थोक का विपर्याय। जैसे—फुटकर माल बेचनेवाला दुकानदार।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					फुटकल					 :
				 | 
				
					वि०=फुटकर।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					फुटका					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० स्फोटक] [स्त्री० अल्पा० फुटकी] १. फफोला। छाला। २. उक्त आकार-प्रकार का कोई छोटा दाग या धब्बा। ३. उक्त आकार-प्रकार का कोई छोटा कण। क्रि० प्र०—पड़ना। ४. भुनी हुई ज्वार, धान, मक्के आदि का लावा। पुं० [?] ऊख का रस पकाने का बड़ा कड़ाहा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					फुटकी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० पुटक] १. किसी वस्तु के छोटे लच्छे या जमे हुए कण जो किसी तरल पदार्थ में अलग-अलग ऊपर तैरते हुए दिखायी पड़ते हैं। बहुत छोटी अंठी। जैसे—(क) जब दूध फट जाता है तब उसके ऊपर फुटकियाँ सी दिखायी पड़ती हैं। (ख) रोगी के कफ (या थूक) में खून की फुटकियाँ दिखायी देती हैं। ३. फुदकी (चिड़िया)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					फुटहरा					 :
				 | 
				
					पुं०=फुटेहरा। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					फुटा					 :
				 | 
				
					पुं० [अं० फ़ुट] लम्बाई नापने का वह उपकरण जिस पर इंचों और फुटों के निशान और अंक बने रहते हैं। (फुट रूल)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					फुटेहरा					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० फूटना+हरा=पल] १. ज्वार, मकई आदि का भुना हुआ वह दाना जो फूटकर खिल गया ह। २. खूब जोरों की हँसी। मुहावरा—फुटेहरा फुटना=जोर की हँसी होना। (व्यंग्य)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					फुटैल					 :
				 | 
				
					वि०=फुट्टैल।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					फुट्ट					 :
				 | 
				
					वि० दे० ‘फुट’।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					फुट्टक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०] [स्त्री० फुट्टिका] एक तरह का कपड़ा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					फुट्टैल					 :
				 | 
				
					वि० [सं० स्फुट, प्रा० फुट+ऐल(प्रत्यय)] १. पक्षी या पशु जो झुंड या दल से फूटकर अलग हो गया हो। २. जो अपने जोड़े के साथ न रहता हो। ३. बदकिस्मत। हत-भाग्य।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |