शब्द का अर्थ
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					फाटक					 :
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					पुं० [सं० कपाटक] १. कारखानों, बाड़ों, बड़े मकानों महलों आदि का बड़ा और मुख्य द्वार। बड़ा दरवाजा। तोरण। मुहावरा—(किसी व्यक्ति को) फाटक मे देना- कारागार या जेल में बंद करना। (किसी पशु को) पाटक में देना—कांजीहौस या मवेशीखाने में बन्द करना। २. मकान की चहारदीवारी में लगा हुआ दरवाजा। पुं० [हिं० फटकन] अनाज फटकने पर निकलनेवाला फालतू या रद्दी अंश। पछोड़न। फटकन।				 | 
			
			
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					फाटका					 :
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					[हिं० फाटक] चीजों की दर की केवल तेजी-मंदी के विचार से किया जानेवाला वह क्रय-विक्रय का निश्चय जिसकी गिनती एक प्रकार के जुए में होती है। खेला। सट्टा। (स्पेक्युलेशन) विशेष—सम्भवतः यह पहले बड़े-बड़े बाड़ों में फाटक के अन्दर होता था, इसी से इसका नाम पड़ा होगा।				 | 
			
			
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					फाटकी					 :
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					स्त्री० [सं०√स्फुट्+ण्वुल्, पृषो, सिद्धि, ङीष्] फिटकरी।				 | 
			
			
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