शब्द का अर्थ
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					फरो					 :
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					वि० [?] १. दबा हुआ। २. जिसका अस्तित्व न रह गया हो। ३. जो दूर हो गया हो। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					फरोख्त					 :
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					स्त्री० [फा० फिरोख्त] बेचने या बिकने की क्रिया या भाव। विक्रय। बिक्री। जैसे—खरीद-फरोख्त। वि० [फा० फिरोख्त] बिका या बेचा हुआ।				 | 
			
			
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					फरोख्तगी					 :
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					स्त्री० [फा० फ़िरोख़्तगी] फरोख्त करने अर्थात् बेचने का काम। विक्रय।				 | 
			
			
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					फरोग					 :
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					पुं० [फा० फ़ुरोग़] १. रोशनी। २. रौनक। ३. ख्याति। ४. उत्कर्ष। उन्नति।				 | 
			
			
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					फरोदस्त					 :
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					पुं० [फा० फ़रोदस्त] १. संगीत में एक प्रकार का संकर राग जो गौरी कान्हड़ा और पूरबी के मेल से बना होता है। २. १४ मात्राओं का एक ताल जिसमें 5 आघात २ खाली होते हैं। (संगीत)				 | 
			
			
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					फरोश					 :
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					वि० [फा० फ़रोश] [भाव० फरोशी] समस्त पदों के अन्त में बिक्री करने या बेचने वाला जैसे—दिलफरोश मेवाफरोश।				 | 
			
			
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					फरोशी					 :
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					स्त्री० [फा० फरोशी] १. बेचने की क्रिया या भाव २. वह माल जो बिक चुका हो। ३. बिके हुए माल से प्राप्त हुआ धन। बिक्री।				 | 
			
			
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