शब्द का अर्थ
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					पोषण					 :
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					पुं० [सं०√पोषण+ल्युट्—अन] [वि० पोषित, पुष्ट, पोषणीय, पोष्य] १. किसी को इस उद्देश्य से खिलाने-पिलाने और देखते-भालते रहना कि वह सुखपूर्वक जीवन बिता सके, और ठीक तरह से बढ़ता चले। २. किसी वस्तु में आवश्यक और उपयोगी तत्त्व पहुँचाकर उसे अच्छी तरह से बढ़ाना या पुष्ट करना। ३. किसी रूप मे बढ़ाने की क्रिया या भाव। वर्धन। (मेन्टेनेन्स, उक्त तीनों अर्थो में) ४. किसी काम या बात की पुष्टि या समर्थन। जैसे—(क) किसी के मत का पोषण करना। (ख) किसी का पृष्ठ-पोषण करना।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					पोषण-वृत्ति					 :
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					स्त्री० [सं० ष० त०] वह वृत्ति जो किसी को भरण-पोषण या जीविका-निर्वाह के लिए दी जाती हो। (मेन्टेन्स एलाउन्स)				 | 
			
			
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					पोषणीय					 :
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					वि० [सं०√पुष्+अनीयर्] जिसका पोषण करना आवश्यक या उचित हो।				 | 
			
			
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