शब्द का अर्थ
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					पैशाच					 :
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					वि० [सं० पिशाच+अण्] १. पिशाच-संबंधी। पिशाच का। २. पिशाच देश का। पुं० १. पिशाच। २. प्राचीन भारत की एक आयुधजीवी जाति।				 | 
			
			
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					पैशाच-काय					 :
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					पुं० [सं० कर्म० स०] सुश्रुत में कही हुई कायों (शरीरों) में से वह काया (व्यक्ति) जिसके स्वभाव में उग्रता आदि दोष यथेष्ट हों और जिसे धार्मिकता, नैतिकता आदि का कोई ध्यान नहीं रहता।				 | 
			
			
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					पैशाच-विवाह					 :
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					पुं० [सं० कर्म० स०] धर्म-शास्त्रों के अनुसार आठ प्रकार के विवाहों में से एक। ऐसा विवाह जो सोई हुई कन्या का हरण करके या मदोन्मत्त कन्या को फुसलाकर छल से किया गया हो। स्मृतियों में इस प्रकार का विवाह बहुत निदंनीय कहा गया है।				 | 
			
			
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					पैशाचिक					 :
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					वि० [सं० पिशाच+ठक्—इक] १. पिशाच-संबंधी। पिशाचों का। राक्षसी। २. पिशाचों की तरह का घोर और वीभत्स। जैसे—पैशाचिक अत्याचार।				 | 
			
			
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					पैशाचिकी					 :
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					स्त्री० [सं०] वह विद्या जिसमें इस बात का अव्ययन और विवचन होता है कि भिन्न भिन्न जातियों और देशों में असुरों, राक्षसों आदि के क्या क्या रूप माने जाते हैं और उनके संबंध में लोगों की किस प्रकार की धारणाएँ और विश्वास होते हैं। (डेमनालोजी)				 | 
			
			
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					पैशाची					 :
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					स्त्री० [सं० पैशाच+ङीप्] पिशाच (दे०) देश का प्राचीन प्राकृत भाषा जिससे आज-कल की दरद वर्ग की बोलियाँ निकली हैं। वि० १. पिशाच-संबंधी। पैशाचिक। २. पिशाचों की तरह का।				 | 
			
			
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					पैशाच्य					 :
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					पुं० [सं० पिशाच+ष्यञ्] पिशाचों का अथवा पिशाचों का सा क्रूर और निर्दय स्वभाव।				 | 
			
			
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