शब्द का अर्थ
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					पैंतरा					 :
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					पुं० [सं० पदांतर; प्रा० पयांतर] १. पटा, तलवार आदि चलाने या कुश्ती लड़ने में घूम-फिरकर ठीक ऐसी जगह पैर रखने की मुद्रा जहाँ से अच्छी तरह वार किया या रोका जा सके। मुहा०—पैंतरा बदलना=पटा, तलवार आदि चलाने या कुश्ती लड़ने में पहलेवाली मुद्रा छोड़कर दूसरी ओर अधिक उपयुक्त मुद्रा में आना। पैंतरा भाँजना=बार बार इधर-उधर घूमते या हटते हुए पैर जमाकर रखना और वार करने तथा बचाने के लिए हाथ घुमाना या चलाना। २. चालाकी से भरी हुई कोई चाल। ३. धूल पर पड़ा हुआ पैर का निशान।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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