शब्द का अर्थ
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					पूर्य					 :
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					वि० [सं०√पृ+क्यप् वा√पूर्+ण्यत्] १. जिसे पूरा करना आवश्यक या उचित हो। पूरणीय। २. जो पूरा किया जाने को हो। ३. (आज्ञा) जिसका पालन करना आवश्यक और उचित हो। पुं० एक प्रकार का तृण-धान्य।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					पूर्य					 :
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					वि० [सं०√पृ+क्यप् वा√पूर्+ण्यत्] १. जिसे पूरा करना आवश्यक या उचित हो। पूरणीय। २. जो पूरा किया जाने को हो। ३. (आज्ञा) जिसका पालन करना आवश्यक और उचित हो। पुं० एक प्रकार का तृण-धान्य।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |