शब्द का अर्थ
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					पुंस्					 :
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					पुं० [सं०√पू (पवित्र करना)+डुमसुन] पुरुष। नर। मर्द।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					पुंस्					 :
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					पुं० [सं०√पू (पवित्र करना)+डुमसुन] पुरुष। नर। मर्द।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					पुंस्त्व					 :
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					पुं० [सं० पुंस्+त्व] १. नर होने की अवस्था या भाव। पुरुषत्व। २. पुरुष की काम-शक्ति। ३. शुक्र। वीर्य। ४. व्याकरण में शब्द के पुंलिग होने की अवस्था या भाव।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					पुंस्त्व					 :
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					पुं० [सं० पुंस्+त्व] १. नर होने की अवस्था या भाव। पुरुषत्व। २. पुरुष की काम-शक्ति। ३. शुक्र। वीर्य। ४. व्याकरण में शब्द के पुंलिग होने की अवस्था या भाव।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					पुंस्त्व-विग्रह					 :
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					पुं० [सं० ब० स०] भूतण नाम की सुगंधित घास।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					पुंस्त्व-विग्रह					 :
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					पुं० [सं० ब० स०] भूतण नाम की सुगंधित घास।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |