शब्द का अर्थ
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					पिसना					 :
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					अ० [हिं० पीसना का अ०] १. पीसा जाना। २. बहुत बुरी तरह से इस प्रकार कुचला या दबाया जाना कि बहुत छोटे-छोटे खंड हो जायँ। ३. किसी प्रकार के कष्ट, संकट आदि में पड़ने के कारण अथवा बहुत अधिक थककर चूर या परम शिथिल हो जाना। जैसे—दिन भर कार्यालय में काम करते करते वह पिसा जाता था। संयो० क्रि०—जाना। ४. शोषित किया जाना। शोषित होना।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					पिसना					 :
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					अ० [हिं० पीसना का अ०] १. पीसा जाना। २. बहुत बुरी तरह से इस प्रकार कुचला या दबाया जाना कि बहुत छोटे-छोटे खंड हो जायँ। ३. किसी प्रकार के कष्ट, संकट आदि में पड़ने के कारण अथवा बहुत अधिक थककर चूर या परम शिथिल हो जाना। जैसे—दिन भर कार्यालय में काम करते करते वह पिसा जाता था। संयो० क्रि०—जाना। ४. शोषित किया जाना। शोषित होना।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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