शब्द का अर्थ
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					पित्ती					 :
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					स्त्री० [हिं० पित्त+ई] १. एक रोग जो पित्त के प्रकोप से रक्त में बहुत अधिक उष्णता होने के कारण होता है तथा जिसमें शरीर के विभिन्न अंगों में छोटे-छोटे ददोरे निकल आते हैं जिन्हें खुजलाते-खुजलाते रोगी विकल हो जाता है। क्रि० वि०—उछलना। २. वे लाल महीन दाने जो गरमी के दिनों में पसीना मरने से शरीर पर निकल आते हैं। अंभौरी। क्रि० प्र०—निकलना। पुं० [सं० पितृव्य] पिता का भाई। चाचा।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					पित्ती					 :
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					स्त्री० [हिं० पित्त+ई] १. एक रोग जो पित्त के प्रकोप से रक्त में बहुत अधिक उष्णता होने के कारण होता है तथा जिसमें शरीर के विभिन्न अंगों में छोटे-छोटे ददोरे निकल आते हैं जिन्हें खुजलाते-खुजलाते रोगी विकल हो जाता है। क्रि० वि०—उछलना। २. वे लाल महीन दाने जो गरमी के दिनों में पसीना मरने से शरीर पर निकल आते हैं। अंभौरी। क्रि० प्र०—निकलना। पुं० [सं० पितृव्य] पिता का भाई। चाचा।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |