शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					पिटक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०√पिट (इकट्ठा होना)+क्वुन्—अक] १. पिटारा। २. धान्यागार। कोठार। ३. छोटा। फुंसी। ४. इंद्र की पताका में लगाया जानेवाला एक प्रकार का अलंकरण। ५. ग्रंथ का कोई खंड या विभाग।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					पिटक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०√पिट (इकट्ठा होना)+क्वुन्—अक] १. पिटारा। २. धान्यागार। कोठार। ३. छोटा। फुंसी। ४. इंद्र की पताका में लगाया जानेवाला एक प्रकार का अलंकरण। ५. ग्रंथ का कोई खंड या विभाग।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					पिटका					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० पिटक+टाप्] १. छोटा पिटारा। पिटारी। २. छोटा फोड़ा। फुंसी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					पिटका					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० पिटक+टाप्] १. छोटा पिटारा। पिटारी। २. छोटा फोड़ा। फुंसी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |