शब्द का अर्थ
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					पिंगा					 :
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					स्त्री० [सं० पिंग+टाप्] १. गोरोचन। २. हलदी। ३. वंशलोचन। ४. हींग। ५. एक रक्त-वाहिनी नाड़ी। ६. चंडिका देवी। वि० १. कोमल। नाजुक। २. कमजोर। दुर्बल। ३. दुबला-पतला। ४. टेढ़े-मेढ़े अंगोंवाला। पुं० वह व्यक्ति जिसके पैर टेढ़े हों।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					पिंगा					 :
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					स्त्री० [सं० पिंग+टाप्] १. गोरोचन। २. हलदी। ३. वंशलोचन। ४. हींग। ५. एक रक्त-वाहिनी नाड़ी। ६. चंडिका देवी। वि० १. कोमल। नाजुक। २. कमजोर। दुर्बल। ३. दुबला-पतला। ४. टेढ़े-मेढ़े अंगोंवाला। पुं० वह व्यक्ति जिसके पैर टेढ़े हों।				 | 
			
			
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					पिंगाक्ष					 :
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					वि० [पिंग-अक्षि, ब० स०, षच्] [स्त्री० पिंगाक्षी] जिसकी आँखें कुछ ललाई लिये हुए भूरे रंग की हों। पुं० १. शिव। २. नाक या कुंभीर नामक जल-जन्तु। ३. बिड़ाल। बिल्ला।				 | 
			
			
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					पिंगाक्ष					 :
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					वि० [पिंग-अक्षि, ब० स०, षच्] [स्त्री० पिंगाक्षी] जिसकी आँखें कुछ ललाई लिये हुए भूरे रंग की हों। पुं० १. शिव। २. नाक या कुंभीर नामक जल-जन्तु। ३. बिड़ाल। बिल्ला।				 | 
			
			
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					पिंगाक्षी					 :
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					स्त्री० [सं० पिंगाक्ष+ङीष्] कुमार की अनुचरी एक मातृका।				 | 
			
			
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					पिंगाक्षी					 :
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					स्त्री० [सं० पिंगाक्ष+ङीष्] कुमार की अनुचरी एक मातृका।				 | 
			
			
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					पिंगाश					 :
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					पुं० [सं पिंग√अश् (व्याप्ति)+अण्] १. एक प्रकार की मछली जिसे बंगाल में पांगाश कहते हैं। २. गाँव का प्रधान या मुखिया। ३. खरा या शुद्ध सोना।				 | 
			
			
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					पिंगाश					 :
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					पुं० [सं पिंग√अश् (व्याप्ति)+अण्] १. एक प्रकार की मछली जिसे बंगाल में पांगाश कहते हैं। २. गाँव का प्रधान या मुखिया। ३. खरा या शुद्ध सोना।				 | 
			
			
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					पिंगाशी					 :
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					स्त्री० [सं० पिंगाश+ङीष्] नील का पौधा।				 | 
			
			
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					पिंगाशी					 :
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					स्त्री० [सं० पिंगाश+ङीष्] नील का पौधा।				 | 
			
			
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