शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					पारन					 :
				 | 
				
					पुं०=पुराण।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) वि०=पारक (पार करने या लगानेवाला)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					पारन					 :
				 | 
				
					पुं०=पुराण।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) वि०=पारक (पार करने या लगानेवाला)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					पारना					 :
				 | 
				
					सं० [सं० पारण] १. गिराना। २. डालना। ३. लेटाना। ४. कुश्ती या लड़ाई में पटकना। पछाड़ना। ५. प्रस्थापित या स्थापित करना। रखना। उदा०—प्यारे परदेश तैं कबै धौं पग पारि हैं।—रत्नाकर। मुहा०—पिंडा पारना=मृतक के उद्देश्य से पिंडदान करना। ६. किसी के हाथ में देना। किसी को सौंपना। ७. किसी के अन्तर्गत करना। किसी में सम्मिलित करना। ८. शरीर पर धारण करना। पहनना। ९. किसी विशिष्ट क्रिया से किसी के ऊपर जमाना या लगाना। जैसे—कजलौटे पर काजल पारना। १॰. कोई अनुचित या आवांछित घटना या बात घटित करना। उदा०—तन जारत, पारति बिपति अपति उजारत लाज।—पद्माकर। ११. कोई काम स्वयं करना अथवा दूसरे से करा देना। उदा०...बरनि न पारौं अंत।—जायसी। १२. कोई काम करने की समर्थता होना। कर सकना। उदा०—बूझि लेहु जौ बूझे पारहु।—जायसी। १३. मचाना। जैसे—हल्ला पारना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) १४. नियत या स्थिर करना। उदा०—अबहीं ते हद पारो।—सूर। अ० [सं० पारण=योग्य, का हिं० पार, जैसे—पार लगना=हो सकना] कोई काम करने में समर्थ होना। सकना। सं०=पालना। (पालन करना) उदा०—जन प्रहलाद प्रतिज्ञा पारी।—सूर।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					पारना					 :
				 | 
				
					सं० [सं० पारण] १. गिराना। २. डालना। ३. लेटाना। ४. कुश्ती या लड़ाई में पटकना। पछाड़ना। ५. प्रस्थापित या स्थापित करना। रखना। उदा०—प्यारे परदेश तैं कबै धौं पग पारि हैं।—रत्नाकर। मुहा०—पिंडा पारना=मृतक के उद्देश्य से पिंडदान करना। ६. किसी के हाथ में देना। किसी को सौंपना। ७. किसी के अन्तर्गत करना। किसी में सम्मिलित करना। ८. शरीर पर धारण करना। पहनना। ९. किसी विशिष्ट क्रिया से किसी के ऊपर जमाना या लगाना। जैसे—कजलौटे पर काजल पारना। १॰. कोई अनुचित या आवांछित घटना या बात घटित करना। उदा०—तन जारत, पारति बिपति अपति उजारत लाज।—पद्माकर। ११. कोई काम स्वयं करना अथवा दूसरे से करा देना। उदा०...बरनि न पारौं अंत।—जायसी। १२. कोई काम करने की समर्थता होना। कर सकना। उदा०—बूझि लेहु जौ बूझे पारहु।—जायसी। १३. मचाना। जैसे—हल्ला पारना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) १४. नियत या स्थिर करना। उदा०—अबहीं ते हद पारो।—सूर। अ० [सं० पारण=योग्य, का हिं० पार, जैसे—पार लगना=हो सकना] कोई काम करने में समर्थ होना। सकना। सं०=पालना। (पालन करना) उदा०—जन प्रहलाद प्रतिज्ञा पारी।—सूर।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |