शब्द का अर्थ
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					पातक					 :
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					वि० [सं०√पत्+णिच्+ण्वुल—अक] पात करने अर्थात् गिरानेवाला। पुं० ऐसा बड़ा पाप जो उसके कर्ता को नरक में गिरानेवाला हो। ऐसा पाप जिसका फल भोगने के लिए नरक में जाना पड़ता हो। विशेष—हमारे यहाँ के धर्मशास्त्रों में अति-पातक, उप-पातक, महा-पातक आदि अनेक भेद किये गये हैं। साधारण पातकों के लिए उनमें प्रायश्चित्त का भी विधान है।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					पातक					 :
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					वि० [सं०√पत्+णिच्+ण्वुल—अक] पात करने अर्थात् गिरानेवाला। पुं० ऐसा बड़ा पाप जो उसके कर्ता को नरक में गिरानेवाला हो। ऐसा पाप जिसका फल भोगने के लिए नरक में जाना पड़ता हो। विशेष—हमारे यहाँ के धर्मशास्त्रों में अति-पातक, उप-पातक, महा-पातक आदि अनेक भेद किये गये हैं। साधारण पातकों के लिए उनमें प्रायश्चित्त का भी विधान है।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					पातकी (किन्)					 :
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					वि० [सं० पातक+इनि] पातक माने जानेवाले कर्मों के फल भोद के लिए नरक में जानेवाला; अर्थात् बहुत बड़ा पापी।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					पातकी (किन्)					 :
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					वि० [सं० पातक+इनि] पातक माने जानेवाले कर्मों के फल भोद के लिए नरक में जानेवाला; अर्थात् बहुत बड़ा पापी।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |