शब्द का अर्थ
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					पसरन					 :
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					स्त्री० [सं० प्रसारिणी] वृक्षों पर चढ़नेवाली एक जंगली लता। स्त्री० [हिं० पसरना] पसरने की क्रिया, दशा या भाव।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					पसरन					 :
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					स्त्री० [सं० प्रसारिणी] वृक्षों पर चढ़नेवाली एक जंगली लता। स्त्री० [हिं० पसरना] पसरने की क्रिया, दशा या भाव।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					पसरना					 :
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					अ० [सं० प्रसरण] १. आगे की ओर बढना। फैलना। २. हाथ-पैर फैलाकर तथा अधिक जगह घेरते हुए बैठना या लेटना। ३. अपना आग्रह या इच्छा पूरी कराने के लिए तरह-तरह की बातें करना। संयो० क्रि०—जाना।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					पसरना					 :
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					अ० [सं० प्रसरण] १. आगे की ओर बढना। फैलना। २. हाथ-पैर फैलाकर तथा अधिक जगह घेरते हुए बैठना या लेटना। ३. अपना आग्रह या इच्छा पूरी कराने के लिए तरह-तरह की बातें करना। संयो० क्रि०—जाना।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |