शब्द का अर्थ
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					पवनी					 :
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					स्त्री० [सं० √पु (पवित्र करना)+ल्युट्—अन, ङीष्] झाड़ू। स्त्री० [हिं० पाना=प्राप्त करना] गाँव में रहनेवाली वह प्रजा या कुछ जातियाँ जो अपने निर्वाह के लिए क्षत्रियों ब्राह्मणों अथवा गाँव के दूसरे रहनेवालों से नियमित रूप से कुछ नेग, पारिश्रमिक, पुरस्कार आदि के रूप में अन्न-धन पाती हैं। जैसे—कुम्हार, चमार, नाऊ, बारी, धोबी आदि। स्त्री० हिं० ‘पौना’ का स्त्री० अल्पा०।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
					
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					पवनी					 :
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					स्त्री० [सं० √पु (पवित्र करना)+ल्युट्—अन, ङीष्] झाड़ू। स्त्री० [हिं० पाना=प्राप्त करना] गाँव में रहनेवाली वह प्रजा या कुछ जातियाँ जो अपने निर्वाह के लिए क्षत्रियों ब्राह्मणों अथवा गाँव के दूसरे रहनेवालों से नियमित रूप से कुछ नेग, पारिश्रमिक, पुरस्कार आदि के रूप में अन्न-धन पाती हैं। जैसे—कुम्हार, चमार, नाऊ, बारी, धोबी आदि। स्त्री० हिं० ‘पौना’ का स्त्री० अल्पा०।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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