शब्द का अर्थ
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					परिहार					 :
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					पुं० [सं० परि√हृ+घञ्] १. बलपूर्वक छीनने की क्रिया या भाव। २. युद्ध में जीतकर प्राप्त किया हुआ धन या पदार्थ। ३. छोड़ने, त्यागने या दूर करने की क्रिया या भाव। ४. त्रुटियों, दोषों, विकारों आदि का किया जानेवाला अंत या निराकरण। ५. पशुओं के चरने के लिए खाली छोड़ी हुई जमीन। चारागाह। ६. प्राचीन भारत में, कष्ट या संकट के समय राज्य की ओर से प्रजा के साथ की जानेवाली आर्थिक रिआयत। ६. कर या लगान की छूट। माफी। ८. खंडन। ९. अवज्ञा। तिरस्कार। १॰. उपेक्षा। ११. मनु के अनुसार एक प्राचीन देश। १२. नाटक में किसी अनुचित या अविधेय कर्म का प्रायश्चित्त करना। (साहित्य दर्पण) पुं० [?] अवध, बुंदेलखंड आदि में बसे हुए राजपूतों की एक जाति जिनके पूर्वज तीसरी शताब्दी में कालिंजर के शासक थे।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					परिहार					 :
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					पुं० [सं० परि√हृ+घञ्] १. बलपूर्वक छीनने की क्रिया या भाव। २. युद्ध में जीतकर प्राप्त किया हुआ धन या पदार्थ। ३. छोड़ने, त्यागने या दूर करने की क्रिया या भाव। ४. त्रुटियों, दोषों, विकारों आदि का किया जानेवाला अंत या निराकरण। ५. पशुओं के चरने के लिए खाली छोड़ी हुई जमीन। चारागाह। ६. प्राचीन भारत में, कष्ट या संकट के समय राज्य की ओर से प्रजा के साथ की जानेवाली आर्थिक रिआयत। ६. कर या लगान की छूट। माफी। ८. खंडन। ९. अवज्ञा। तिरस्कार। १॰. उपेक्षा। ११. मनु के अनुसार एक प्राचीन देश। १२. नाटक में किसी अनुचित या अविधेय कर्म का प्रायश्चित्त करना। (साहित्य दर्पण) पुं० [?] अवध, बुंदेलखंड आदि में बसे हुए राजपूतों की एक जाति जिनके पूर्वज तीसरी शताब्दी में कालिंजर के शासक थे।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					परिहारक					 :
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					वि० [सं० परि√हृ+ण्वुल्—अक] परिहार करनेवाला।				 | 
			
			
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				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					परिहारक					 :
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					वि० [सं० परि√हृ+ण्वुल्—अक] परिहार करनेवाला।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					परिहारना					 :
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					स० [सं० परिहार] १. परिहरण करना। २. परिहार करना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					परिहारना					 :
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					स० [सं० परिहार] १. परिहरण करना। २. परिहार करना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					परिहारी (रिन्)					 :
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					वि० [सं० परि√हृ+णिनि] परिहरण करनेवाला।				 | 
			
			
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				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					परिहारी (रिन्)					 :
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					वि० [सं० परि√हृ+णिनि] परिहरण करनेवाला।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					परिहार्य					 :
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					वि० [सं० परि√हृ+ण्यत्] जिसका परिहरण होने को हो या हो सकता हो।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					परिहार्य					 :
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					वि० [सं० परि√हृ+ण्यत्] जिसका परिहरण होने को हो या हो सकता हो।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |