शब्द का अर्थ
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					परिवार					 :
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					पुं० [सं० परि√वृ (ढकना)+घञ्] १. एक ही पूर्व पुरुष के वंशज। २. एक घर में और विशेषतः एक कर्ता के अधीन या संरक्षण में रहनेवाले लोग। ३. किसी विशिष्ट गुण, संबंध आदि के विचार से चीजों का बननेवाला वर्ग। जैसे—आर्य-भाषाओं का परिवार। (फेमिली) ४. किसी राजा, रईस आदि के आगे-पीछे चलने या साथ रहनेवाले लोग।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					परिवार					 :
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					पुं० [सं० परि√वृ (ढकना)+घञ्] १. एक ही पूर्व पुरुष के वंशज। २. एक घर में और विशेषतः एक कर्ता के अधीन या संरक्षण में रहनेवाले लोग। ३. किसी विशिष्ट गुण, संबंध आदि के विचार से चीजों का बननेवाला वर्ग। जैसे—आर्य-भाषाओं का परिवार। (फेमिली) ४. किसी राजा, रईस आदि के आगे-पीछे चलने या साथ रहनेवाले लोग।				 | 
			
			
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					परिवार नियोजन					 :
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					पुं० [सं०] आज-कल देश अथवा संसार की दिन पर दिन बढ़ती हुई जन-संख्या को नियंत्रित करने या सीमित रखने के उद्देश्य से गार्हस्थ जीवन के संबंध में की जानेवाली वह योजना जिससे लोग आवश्यकता अथवा औचित्य से अधिक संतान उत्पन्न न करें। (फैमिली प्लानिंग)				 | 
			
			
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					परिवार नियोजन					 :
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					पुं० [सं०] आज-कल देश अथवा संसार की दिन पर दिन बढ़ती हुई जन-संख्या को नियंत्रित करने या सीमित रखने के उद्देश्य से गार्हस्थ जीवन के संबंध में की जानेवाली वह योजना जिससे लोग आवश्यकता अथवा औचित्य से अधिक संतान उत्पन्न न करें। (फैमिली प्लानिंग)				 | 
			
			
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					परिवारण					 :
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					पुं० [सं० परि√वृ+णिच्+ल्युट्—अन] [वि० परिवारित] १. ढकने या छिपाने की क्रिया। २. आवरण। आच्छादन। ३. तलवार की म्यान। कोष।				 | 
			
			
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					परिवारण					 :
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					पुं० [सं० परि√वृ+णिच्+ल्युट्—अन] [वि० परिवारित] १. ढकने या छिपाने की क्रिया। २. आवरण। आच्छादन। ३. तलवार की म्यान। कोष।				 | 
			
			
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					परिवारित					 :
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					भू० कृ० [सं० परि√वृ+णिच्+क्त] घिरा या घेरा हुआ। आवेष्टित।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					परिवारित					 :
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					भू० कृ० [सं० परि√वृ+णिच्+क्त] घिरा या घेरा हुआ। आवेष्टित।				 | 
			
			
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					परिवारी					 :
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					पुं० [सं० परिवार] १. परिवार के लोग। २. नाते-रिश्ते के लोग। वि० पारिवारिक।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					परिवारी					 :
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					पुं० [सं० परिवार] १. परिवार के लोग। २. नाते-रिश्ते के लोग। वि० पारिवारिक।				 | 
			
			
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					परिवार्षिक					 :
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					वि० [सं० प्रा० स०] १. जो पूरे वर्ष भर चलता या होता रहे। जैसे—परिवार्षिक नाला—ऐसा नाला जो बराबर बहता रहे, गरमियों में सूख न जाय; परिवार्षिक वृक्ष=ऐसा वृक्ष जो बराबर हरा रहता हो, और जिसके पत्ते किसी ऋतु में झड़ते न हों। २. बराबर या बहुत दिन तक स्थायी रूप से बना रहनेवाला। (पेरीनियल)				 | 
			
			
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					परिवार्षिक					 :
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					वि० [सं० प्रा० स०] १. जो पूरे वर्ष भर चलता या होता रहे। जैसे—परिवार्षिक नाला—ऐसा नाला जो बराबर बहता रहे, गरमियों में सूख न जाय; परिवार्षिक वृक्ष=ऐसा वृक्ष जो बराबर हरा रहता हो, और जिसके पत्ते किसी ऋतु में झड़ते न हों। २. बराबर या बहुत दिन तक स्थायी रूप से बना रहनेवाला। (पेरीनियल)				 | 
			
			
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