शब्द का अर्थ
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					परिचर्या					 :
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					स्त्री० [सं० परि√चर्+श, यक्, नि०] १. किसी की की जानेवाली अनेक प्रकार की सेवाएँ। खिदमत। २. रोगी की सेवा-शुश्रूषा। ३. किसी संघटित गोष्ठी या सभा-समिति में होनेवाली ऐसी बात-चीत जिसमें किसी विशिष्ट विषय का विचार या विवेचन होता है। (सिम्पोज़ियम)				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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