शब्द का अर्थ
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					परश					 :
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					पुं० [सं० स्पर्श, पृषों० सिद्धि] स्पर्शमणि। पारस पत्थर। पुं०=स्पर्श।				 | 
			
			
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					परशु					 :
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					पुं० [सं० पर√शृ (हिंसा)+कु, डित्त्व] कुल्हाड़ी की तरह का पर उससे बड़ा एक अस्त्र जिससे प्राचीन काल में योद्धा लोग एक दूसरे पर प्रहार करते थे।				 | 
			
			
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					परशु-धर					 :
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					वि० [ष० त०] परशु नामक अस्त्र धारण करनेवाला। पुं० परशुराम।				 | 
			
			
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					परशु-मुद्रा					 :
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					पुं० [मध्य० स०] तंत्र में एक प्रकार की मुद्रा।				 | 
			
			
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					परशु-राम					 :
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					पुं० [ब० स०] रेणुका के गर्भ से उत्पन्न जमदग्नि ऋषि के पुत्र जिन्होंने २१ बार क्षत्रिय वंश का नाश किया था। विशेष—ये विष्णु के छठवें अवतार कहे गये हैं। इनका यह नाम ‘परशु’ धारण करने के कारण पड़ा था।				 | 
			
			
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					परशु-वन					 :
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					पुं० [सं० मध्य० स०] एक नरक का नाम।				 | 
			
			
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					परश्वध					 :
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					पुं० [सं० पर√श्वि (वृद्धि)+ड=परश्व, ष० त० √धे (पान)+क] परशु नामक अस्त्र।				 | 
			
			
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