शब्द का अर्थ
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					परवान					 :
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					पुं० [सं० प्रमाण] १. प्रमाण। सबूत। २. ठीक, वास्तविक या सत्य बात। ३. सीमा। हद। वि० १. उचित। ठीक। वाजिब। २. प्रामाणिक और विश्वसनीय। पुं० [फा० परवाल] १. उड़ान। मुहा०—परवान चढ़ना=(क) बहुत अधिक उन्नति करते हुए परम सुखी और सौभाग्यशाली होना। (स्त्रियाँ) (ख) पूर्णता तक पहुँचना। (ग) सफल होना। २. जहाजों के ठहरने की जगह। बन्दरगाह। पुं०=प्रमाण।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					परवानगी					 :
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					स्त्री० [फा० पर्वानगी] आज्ञा। अनुमति।				 | 
			
			
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					परवानना					 :
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					सं० [सं० प्रमाण] किसी बात को ठीक और प्रामाणिक मानना या समझना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					परवाना					 :
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					पुं० [फा० पर्वान] १. प्राचीन काल में वह लिखित आज्ञा जो राजा की ओर से किसी को भेजी जाती थी। २. किसी प्रकार के अधिकार या अनुमति का सूचक पत्र। जैसे—तलाशी का परवाना, राहदारी का परवाना। ३. पतिंगा, विशेषतः वह पतिंगा जो दीपक की लौ के चारों ओर मंडराता हो और अंत में उसी से जल मरता हो। शलभ। ४. लाक्षणिक अर्थ में, वह व्यक्ति जो किसी पर अत्यन्त मुग्ध हो और उसके प्रेम में अपने आप को बलिदान कर दे अथवा आत्म-बलिदान के लिए प्रस्तुत रहे। जैसे—देश का परवाना। ५. प्रेमिका के रूप-सौंदर्य पर अत्यधिक मुग्ध व्यक्ति। ६. लोमड़ी के आकार का एक वन्य पशु जो शेर के आगे-आगे चलता है।				 | 
			
			
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					परवाना राहदारी					 :
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					पुं० दूसरे क्षेत्र या दूसरे देश में जाने अथवा कोई चीज ले आने के लिए अधिकारी की ओर से मिलनेवाला स्वीकृति-पत्र				 | 
			
			
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					परवान् (वत्)					 :
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					[सं० पर+मतुप्, वत्व] १. पराश्रयी। २. पराधीन। ३. असहाय।				 | 
			
			
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