शब्द का अर्थ
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					परंज					 :
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					पुं० [सं० पर√जि (जीतना)+ड, मुम्] १. तेल पेरने का कोल्हू। २. छुरी आदि का फल। ३. फेन।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					परंजन					 :
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					पुं० [सं० पर√जन्+अच्, मुम्] (पश्चिमी दिशा के स्वामी) वरुण।				 | 
			
			
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					परंजय					 :
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					वि० [सं० पर√जि (जीतना)+अच्, मुम्] शत्रु को जीतनेवाला। पुं० वरुण देवता।				 | 
			
			
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					परंजा					 :
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					स्त्री० [सं० परंज+टाप्] उत्सव आदि में होनेवाली अस्त्रों, उपकरणों आदि की ध्वनि।				 | 
			
			
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