शब्द का अर्थ
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					पपी					 :
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					पुं० [सं०√पा+ईक्, द्वित्व] १. सूर्य। २. चन्द्रमा।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					पपीता					 :
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					पुं० [मला० पपाया] १. एक प्रसिद्ध पौधा जिसमें बड़े मीठे लंबोतरे फल लगते हैं। २. उक्त पौधे का फल जो मीठा तथा रेचक होता है।				 | 
			
			
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					पपीतिया					 :
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					पुं० [हिं० पपीता] १. एक तरह का पौधा। २. उक्त पौधे का बीज जो प्लेग से रक्षा के लिए किसी अंग में बाँधा जाता है (इग्नेटियसबीन)				 | 
			
			
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					पपीती					 :
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					स्त्री० [हिं० पपीता] मादा पपीता (पौधा) जिसमें फल नहीं लगते।				 | 
			
			
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					पपीलि					 :
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					स्त्री०=पिपीलिका (च्यूँटी)।				 | 
			
			
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					पपीहरा					 :
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					पुं०=पपीहा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					पपीहा					 :
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					पुं० [देश०] १. एक प्रसिद्ध पक्षी जिसकी आँखें, चोंच तथा टाँगें पीली होती हैं और डैने सिलेटी रंग के होते हैं तथा जो बसंत और वर्षा में बहुत ही मधुर स्वर में ‘पी-कहाँ’ की तरह का शब्द बोलता है। २. सितार के छः तारों में से एक जो लोहे का होता है। ३. आल्हा के पिता के घोड़े का नाम। ४. दे० ‘पपैया’।				 | 
			
			
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