शब्द का अर्थ
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					पन्न					 :
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					वि० [सं०√पद्+क्त] १. गिरा या पड़ा हुआ। जैसे—शरणापन्न। २. जो नष्ट या समाप्त हो चुका हो। पुं० खिसकते या सरकते हुए चलना। रेंगना। पुं०=पर्ण (पत्ता)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					पन्नई					 :
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					वि० [हिं० पन्ना+ई (प्रत्य०)] पन्ने के रंग का। फिरोजी या गहरे हरे रंग का।				 | 
			
			
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					पन्नग					 :
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					पुं० [सं० पन्न√गम् (जाना)+ड] [स्त्री० पन्नगी] १. सर्प। साँप। २. एक प्रकार की जड़ी या बूटी। ३. सीसा। पुं०=पन्ना (मरकत)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					पन्नग-केसर					 :
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					पुं० [ब० स०] नागकेसर।				 | 
			
			
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					पन्नगारि					 :
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					पुं० [पन्नग-अरि, ष० त०] गरुड़।				 | 
			
			
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					पन्नगाशन					 :
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					पुं० [पन्नग-आशन, ब० स०] गरुड़।				 | 
			
			
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					पन्नगिनि					 :
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					स्त्री०=पन्नगी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					पन्नगी					 :
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					स्त्री० [सं० पन्नग+ङीष्] १. सर्पिणी। साँपिन। २. सर्पिणी नाम की जड़ी या बूटी।				 | 
			
			
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					पन्नद्धा, पन्नध्री					 :
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					स्त्री० [सं० पद्-नद्धा, स० त०, पद्-नध्री, ष० त०] जूता।				 | 
			
			
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					पन्ना					 :
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					पुं० [सं० पर्ण] एक तरह का गहरे हरे या फिरोजी रंग का बहुमूल्य रत्न। पुं० [हिं० पान] १. पृष्ठ। वरक। २. भेड़ों के कान का वह भाग जहाँ का ऊन काटा जाता है। ३. पान के आकार का जूते का वह अंग जिसे ‘पान’ कहते हैं।				 | 
			
			
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					पन्निक					 :
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					पुं०=पनिक।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					पन्नी					 :
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					स्त्री० [हिं० पन्ना] १. राँगे, पीतल आदि का पत्तर जिसे सौंदर्य और शोभा के लिए छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर अन्य वस्तुओं पर चिपकाया जाता है। २. एक तरह का रंगीन चमकीला कागज। ३. सुनहला या रुपहला कागज। स्त्री० [हिं० पना] इमली, कच्चेआम आदि से बनने वाला एक पेय। स्त्री० [?] १. बारूद की एक तौल जो आध सेर के बराबर होती है। २. एक तरह की घास जो छप्पर छाने के काम आती है।				 | 
			
			
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					पन्नीसाज					 :
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					पुं० [हिं० पन्नी+फा० साज़=बनानेवाला] [भाव० पन्नीसाजी] पन्नी बनानेवाले कारीगर।				 | 
			
			
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					पन्नीसाजी					 :
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					स्त्री० [हिं० पन्नीसाज] पन्नी बनाने का काम या व्यवसाय।				 | 
			
			
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					पन्नू					 :
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					पुं० [देश०] १. एक प्रकार का पौधा। २. उक्त पौधे का फूल।				 | 
			
			
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