शब्द का अर्थ
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					पचाना					 :
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					स० [हिं० पचना का स० रूप] १. खाई हुई वस्तु को पक्वाशय की जठराग्नि से रस में परिणत करना। २. दूसरों का माल हजम करना। ३. परिश्रम करा के या कष्ट देकर किसी के शरीर मस्तिष्क आदि का क्षय करना। ४. अच्छी तरह अन्त या समाप्त कर देना। जैसे—किसी की मोटाई पचाना। ५. एक पदार्थ का दूसरे पदार्थ को अपने में विलीन कर या समा लेना।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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