शब्द का अर्थ
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					निसृष्ट					 :
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					भू० कृ० [सं० नि√सृज् (छोड़ना)+क्त] १. उपहार, भेंट, दान, दक्षिणा आदि के रूप में दिया हुआ। २. त्यागा या छोड़ा हुआ। ३. भेजा हुआ। प्रेषित। ४. जिसे स्वीकृति दी गई हो। ५. जलाया हुआ। वि० मध्यस्थ। पुं० प्रतिदिन के हिसाब के दी जानेवाली मजदूरी या वेतन। दैनिक भृति। (कौ०)				 | 
			
			
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					निसृष्टार्थ					 :
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					पुं० [सं० निसृष्ट-अर्थ, ब० स०] १. वह धीर और बुद्धिमान व्यक्ति जिसे किसी महत्पूर्ण कार्य के प्रबंध या व्यवस्था का भार सौंपा जाय या सौंपा जा सके। २. सन्देशवाहक। दूत। ३. साहित्य में तीन प्रकार के दूतों (या दूतियों) में से एक जो प्रेमिका और प्रेमी का पारस्परिक स्नेह देखकर स्वयं उनके मिलन या संयोग की व्यवस्था करे।				 | 
			
			
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