शब्द का अर्थ
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					निर्गम					 :
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					पुं० [सं० निर्√गम्+अप्] [वि० निर्गमित] १. बाहर निकलने की अवस्था, क्रिया या भाव। निकासी। २. वह मार्ग जिससे बाहर कोई चीज निकलती हो। निकाल। ३. आज्ञा, आदेश आदि का निकलना या प्रकाशित होना। ४. किसी वस्तु विशेषतः धन आदि का किसी स्थान या देश से बहुत अधिक मात्रा में बाहर जाना। (ड्रेन) ५. विधिक क्षेत्र में, किसी व्यवहार या दीवानी मुकदमे की वह विचारणीय बात जिसका एक पक्ष स्थापन करता हो और जिसे दूसरा पक्ष न मानता हो और फलतः जिसके आधार पर उस व्यवहार या मुदकमे का निर्णय होने को हो। वादपद। साध्या। (इश्यू) विशेष–यह दो प्रकार का होता है–(क) विधिक या कानूनी प्रश्नों से संबंध रखनेवाला निर्गम (इश्यु ऑफ़ ला) और (ख) वास्तविक घटनाओं या तथ्यों से संबंध रखनेवाला अर्थात् तथ्यक निर्गम (इश्यू ऑफ फैक्ट्स)।				 | 
			
			
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					निर्गम-मूल्य					 :
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					पुं० [सं० मध्य० स०] (वास्तविक मूल्य से भिन्न) वह मूल्य जो कुछ विशेष अवसरों पर किसी चीज की निकासी के समय कुछ घटाकर निश्चित किया जाता है। (इश्यू प्राइस)				 | 
			
			
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					निर्गमन					 :
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					पुं० [सं० निर्√गम्+ल्युट्–अन] १. बाहर आने या निकलने की क्रिया या भाव। निकासी। २. वह द्वार जिससे होकर कुछ या कोई बाहर निकले। ३. प्रतिहार।				 | 
			
			
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					निर्गमना					 :
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					अ० [सं० निर्गमन] बाहर निकलना।				 | 
			
			
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					निर्गमित पूँजी					 :
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					स्त्री० [सं० निर्गमित+हिं० पूँजी] वह पूँजी या रकम जो कारखाने, व्यापार आदि की दैनिक आवश्यकताएँ पूरी करने के लिए बाहर निकाली गई हो। (इश्यू कैपिटल)				 | 
			
			
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